2025 में इज़राइल और गाज़ा के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर है। पिछले कुछ महीनों से दोनों पक्षों के बीच झड़पें और हमले तेज़ हो गए हैं। इस पूरे घटनाक्रम में अमेरिका की भूमिका अब पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो चुकी है। इस लेख में हम मौजूदा हालात, मानवीय संकट, राजनीतिक रणनीतियां और अमेरिका की मध्यस्थता की स्थिति पर गहराई से नज़र डालेंगे।
गाज़ा में बढ़ता सैन्य दबाव
इज़राइली सेना ने गाज़ा में सैन्य ऑपरेशन को नई गति दी है। ताज़ा रिपोर्टों के अनुसार, इज़राइल ने ज़मीन, हवा और समुद्र—तीनों मोर्चों पर हमले तेज़ कर दिए हैं। हमास पर दबाव डालते हुए, इज़राइल का कहना है कि उसका उद्देश्य चरमपंथी तत्वों को पूरी तरह से समाप्त करना है।
गाज़ा के रिहायशी इलाकों पर हो रहे हमलों ने सैकड़ों लोगों की जान ली है और हजारों को विस्थापन झेलना पड़ा है।
गहराता मानवीय संकट
गाज़ा की सड़कों पर अब भी मलबे के ढेर और रोते-बिलखते लोग दिख रहे हैं। अस्पतालों में दवाइयों की भारी कमी है और हजारों बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द मानवीय सहायता नहीं पहुंची, तो स्थिति पूरी तरह बेकाबू हो सकती है।
इज़राइल की ओर से कुछ मानवीय गलियारों को खोलने की बात कही गई है, लेकिन राहत एजेंसियों का कहना है कि वे अब भी ज़रूरतमंदों तक पहुंच नहीं पा रही हैं।
अमेरिका की मध्यस्थता: उम्मीद की एक किरण?
संयुक्त राज्य अमेरिका इस संघर्ष को खत्म कराने की दिशा में लगातार प्रयास कर रहा है। वाशिंगटन ने दोहा, कतर में इज़राइल और हमास के बीच अप्रत्यक्ष वार्ताओं को प्रोत्साहित किया है। अमेरिका का कहना है कि युद्ध विराम, बंधकों की रिहाई और गाज़ा में स्थिरता—तीनों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
हालांकि, अब तक कोई ठोस समझौता नहीं हो सका है क्योंकि दोनों पक्षों की शर्तें एक-दूसरे से काफी अलग हैं। इज़राइल केवल अस्थायी युद्धविराम की बात कर रहा है, जबकि हमास स्थायी संघर्ष-विराम की मांग कर रहा है।
वैश्विक प्रतिक्रिया और दबाव
यूरोप, यूएन और कई इस्लामिक देशों ने इज़राइल पर मानवीय राहत पहुंचाने और सैन्य कार्रवाई रोकने का दबाव बढ़ा दिया है। कुछ देशों ने इज़राइल के साथ व्यापार समझौतों की समीक्षा की घोषणा भी कर दी है।
ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी जैसे देश अमेरिका के साथ मिलकर इस संघर्ष को जल्द से जल्द खत्म कराने के लिए रणनीतियां बना रहे हैं।
भविष्य की राह क्या हो सकती है?
इस समय सबसे जरूरी है कि दोनों पक्ष मानवता को प्राथमिकता दें और तुरंत युद्धविराम की दिशा में कदम बढ़ाएं। यदि अमेरिका और अन्य देश सामूहिक रूप से प्रयास करें, तो यह संघर्ष शांतिपूर्ण समाधान की ओर बढ़ सकता है।
हालांकि यह कहना अभी जल्दबाज़ी होगी कि शांति कितनी जल्दी बहाल होगी, लेकिन अमेरिका की सक्रियता ने उम्मीद की एक छोटी सी किरण ज़रूर जलाई है।
निष्कर्ष
इज़राइल-गाज़ा संघर्ष 2025 केवल एक क्षेत्रीय संकट नहीं है, बल्कि यह एक वैश्विक चुनौती बन गया है। अमेरिका की मध्यस्थता इस संघर्ष को खत्म करने की कुंजी बन सकती है, बशर्ते दोनों पक्षों में समझौते की इच्छाशक्ति हो।