जम्मू-कश्मीर में आतंकी साजिश नाकाम: सेना ने 3 आतंकियों को किया ढेर
23 जून 2025 को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में भारतीय सेना ने एक बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया। घुसपैठ की कोशिश कर रहे तीन आतंकवादियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया। यह ऑपरेशन सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और जवानों की बहादुरी का जीता-जागता प्रमाण है। इस घटना के बाद से पूरे क्षेत्र में हाई अलर्ट है और सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश
प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, रविवार देर रात नियंत्रण रेखा (LoC) के पास कुछ संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली थी। भारतीय सेना ने तत्काल कार्रवाई करते हुए क्षेत्र को घेर लिया। जैसे ही आतंकवादियों ने सीमा पार करने की कोशिश की, मुठभेड़ शुरू हो गई।
मुठभेड़ में करीब दो घंटे की गोलीबारी चली और अंत में तीन आतंकियों को मार गिराया गया। उनके पास से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और पाकिस्तान में बनी सामग्री बरामद हुई है।
ऑपरेशन का नेतृत्व और समयबद्ध कार्रवाई
इस पूरे ऑपरेशन का नेतृत्व सेना की 16 गढ़वाल राइफल्स और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त रूप से किया। सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि यह मुठभेड़ पहले से प्लान किए गए एक बड़े घुसपैठ प्रयास का हिस्सा थी।
पिछले कुछ हफ्तों से LoC पर गतिविधियां तेज़ थीं और खुफिया एजेंसियों को संकेत मिल रहे थे कि पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ की तैयारी हो रही है।
पाकिस्तान की नापाक चाल एक बार फिर बेनकाब
भारत के खिलाफ पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद कोई नई बात नहीं है। हर साल गर्मियों में, जब बर्फ पिघलती है, तब आतंकवादी LoC पार करने की कोशिश करते हैं। 2025 में अब तक 14 बार घुसपैठ की कोशिश हो चुकी है, जिनमें से 11 को सेना ने समय रहते रोक दिया।
इस बार की घुसपैठ भी इसी साजिश का हिस्सा थी। बरामद सामान में पाकिस्तान की फौज के कुछ निर्देश और नक्शे भी मिले हैं, जिससे साफ है कि इन आतंकियों को सीमा पार से निर्देश मिल रहे थे।
इलाके में तलाशी अभियान जारी
पुंछ जिले के बालाकोट सेक्टर और आसपास के गांवों में सेना ने तलाशी अभियान तेज़ कर दिया है। सेना के स्निफर डॉग, ड्रोन और स्पेशल ऑप्स टीम पूरे इलाके की निगरानी कर रही हैं।
स्थानीय लोगों से भी सतर्क रहने की अपील की गई है और कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखने पर तुरंत पुलिस को सूचना देने को कहा गया है।
राजनीति और बयानबाज़ी
इस घटना के बाद देशभर से प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना को बधाई देते हुए कहा:
“देश की सीमाएं सुरक्षित हाथों में हैं। हमारे जवानों ने फिर से साबित कर दिया कि भारत की सुरक्षा में कोई समझौता नहीं होगा।”
वहीं, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि केंद्र सरकार को आतंकवाद के स्थायी समाधान की ओर ठोस कदम उठाने चाहिए।
सेना की सतर्कता से टली बड़ी तबाही
अगर यह घुसपैठ सफल हो जाती तो बड़ी आतंकी घटना हो सकती थी। सेना की सतर्कता और तत्परता से एक बड़ी साजिश नाकाम हुई है। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इन आतंकियों का मकसद किसी सार्वजनिक जगह या सुरक्षा प्रतिष्ठान पर हमला करना था।
जनता का विश्वास और सेना का मनोबल
इस ऑपरेशन से एक बार फिर जनता का सेना में विश्वास मजबूत हुआ है। सोशल मीडिया पर लोग भारतीय सेना की तारीफ कर रहे हैं:
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“भारतीय सेना को सलाम!”
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“ये हैं असली हीरो”
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“पाकिस्तान की नापाक साजिश फिर नाकाम”
आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति
भारत की आतंकवाद के प्रति नीति हमेशा से स्पष्ट रही है — “Zero Tolerance”।
हाल के वर्षों में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मजबूत रुख अपनाया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत ने कई बार पाकिस्तान को बेनकाब किया है।
सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक और अब सीमा पर सख्त निगरानी के ज़रिए भारत यह संदेश दे चुका है कि आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
तकनीकी मदद से सुरक्षा और मजबूत
भारत अब अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए टेक्नोलॉजी का अधिक उपयोग कर रहा है:
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थर्मल इमेजिंग कैमरे
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ड्रोन निगरानी
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AI आधारित घुसपैठ डिटेक्शन सिस्टम
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सैटेलाइट इंटेलिजेंस
इससे घुसपैठ की कोशिशों को समय रहते पहचान कर उन्हें रोका जा रहा है।
निष्कर्ष: सतर्कता ही सुरक्षा
आज की इस घटना ने फिर यह साबित कर दिया कि जब तक हमारी सेना सतर्क है, तब तक दुश्मन कोई भी चाल कामयाब नहीं हो सकती। हमें सेना पर गर्व है और नागरिकों के तौर पर हमें भी सतर्क रहना होगा।
देश की सुरक्षा केवल सीमाओं तक सीमित नहीं, बल्कि हमारे समाज की सजगता और एकता से भी जुड़ी है।
🔚 अंतिम पंक्तियाँ:
“जम्मू-कश्मीर आज भी आतंकवाद की साजिशों का सामना कर रहा है, लेकिन हमारी सेना की बहादुरी और देशवासियों की जागरूकता से हर चुनौती का डटकर सामना किया जा रहा है।”