परिचय
जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए 2025 में पेरिस में आयोजित होने वाली COP30 समिट वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है। इस लेख में हम जानेंगे कि इस समिट में क्या प्रमुख मुद्दे उठाए जाएंगे, भारत की भूमिका क्या होगी, और इसके संभावित परिणाम क्या हो सकते हैं।
COP30 समिट का महत्व
COP30 समिट का आयोजन ब्राजील के बेलेम शहर में नवंबर 2025 में होगा। यह समिट विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि:
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वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5°C तक सीमित करना: पेरिस समझौते के तहत यह लक्ष्य निर्धारित किया गया है कि वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5°C तक सीमित किया जाए। COP30 में इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आवश्यक कदमों पर चर्चा होगी।
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विकसित और विकासशील देशों के बीच वित्तीय सहयोग: समिट में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए विकसित देशों से विकासशील देशों को वित्तीय सहायता प्रदान करने पर जोर दिया जाएगा।
भारत की भूमिका
भारत ने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर हमेशा सक्रिय भूमिका निभाई है। COP30 में भारत की संभावित भूमिका में शामिल हैं:
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नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश: भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में निवेश बढ़ाने का संकल्प लिया है, जो COP30 में प्रमुख चर्चा का विषय हो सकता है।
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जलवायु अनुकूलन योजनाएं: भारत अपनी जलवायु अनुकूलन योजनाओं को प्रस्तुत करेगा, जिसमें कृषि, जल संसाधन और शहरी विकास शामिल हैं।
संभावित परिणाम
COP30 समिट से निम्नलिखित परिणाम की उम्मीद की जा सकती है:
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नवीन जलवायु वित्तीय तंत्र की स्थापना: विकासशील देशों के लिए जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए नए वित्तीय तंत्र की स्थापना।
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नवीकरणीय ऊर्जा के लिए वैश्विक साझेदारी: नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के विकास के लिए वैश्विक साझेदारी की शुरुआत।
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जलवायु अनुकूलन के लिए साझा रणनीतियां: जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए साझा रणनीतियों का विकास।
निष्कर्ष
2025 की पेरिस जलवायु समिट जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। भारत की सक्रिय भागीदारी और समिट से निकलने वाले निर्णय वैश्विक जलवायु नीति को आकार देंगे।