21 जून 2025 को पाकिस्तान एक बार फिर आतंक की आग में झुलस उठा। बलूचिस्तान प्रांत में हुए दो बड़े आतंकी हमलों में पाकिस्तान सेना के 12 जवान मारे गए। यह हमला उस समय हुआ जब जवान गश्त पर थे। आतंकियों ने अचानक हमला बोल दिया और जब तक जवाबी कार्रवाई होती, कई सैनिक शहीद हो चुके थे।
यह घटना न सिर्फ पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि वहां की सरकार अब भी आतंकी संगठनों को नियंत्रण में नहीं रख पा रही है।
🔻 हमले की पूरी घटना
📍 हमला कहां हुआ?
बलूचिस्तान का तुरबत और गोमज़ा इलाका आतंकवाद की चपेट में रहने वाले क्षेत्रों में गिना जाता है। शुक्रवार देर रात इन दोनों क्षेत्रों में अचानक हुए हमलों ने सेना को चौंका दिया।
🕐 हमले का समय:
हमला रात करीब 2:30 बजे हुआ, जब जवान नियमित गश्त पर थे। पहले धमाका किया गया और फिर गोलियों की बौछार शुरू हो गई।
🔫 आतंकियों का तरीका:
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IED ब्लास्ट के बाद फायरिंग
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सैन्य वाहन को निशाना बनाया गया
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हमलावरों ने मिलिट्री यूनिफॉर्म पहन रखी थी
🔻 शहीद जवानों की पहचान
पाक सेना ने शहीद जवानों के नाम सार्वजनिक कर दिए हैं। इनमें अधिकतर जवान खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब प्रांत से थे। शहीदों को मरणोपरांत सम्मान देने की घोषणा की गई है।
🔻 किसने किया हमला? (TTP का संदिग्ध हाथ)
इस हमले की ज़िम्मेदारी फिलहाल किसी संगठन ने औपचारिक रूप से नहीं ली है, लेकिन शुरुआती जांच में शक तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) पर जताया जा रहा है।
⚠️ TTP कौन है?
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तालिबान से अलग हुआ उग्रवादी संगठन
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पाकिस्तान के संविधान और सेना के खिलाफ
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अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी संगठन घोषित
TTP के हमले आम नागरिकों, सुरक्षा बलों और खासकर बलूचिस्तान व खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्रों में बार-बार देखे गए हैं।
🔻 पाकिस्तान सरकार की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ़ ने इस हमले की निंदा करते हुए ट्वीट किया –
“हम अपने शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे। आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई और मजबूत होगी।”
गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने बलूचिस्तान में बड़े सैन्य अभियान की घोषणा की है।
🔻 सेना की कार्रवाई
पाक सेना ने घटनास्थल के आसपास बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है और आस-पास के गांवों में कर्फ्यू लगाया गया है।
🔍 अब तक की कार्रवाई:
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30 से अधिक संदिग्ध पकड़े गए
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ड्रोन से निगरानी
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ISI और सेना की संयुक्त जांच
🔻 बलूचिस्तान में बार-बार क्यों होते हैं हमले?
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा, लेकिन सबसे उपेक्षित प्रांत है। यहां लंबे समय से अलगाववादी गतिविधियां चल रही हैं।
📌 मुख्य कारण:
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आर्थिक उपेक्षा
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सेना की सख्त कार्रवाई
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आतंकियों के लिए छिपने की जगह
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अफगान सीमा से सटे इलाकों में खुली आवाजाही
🔻 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने इस हमले की निंदा की है और पाकिस्तान सरकार से आंतरिक सुरक्षा मजबूत करने को कहा है। भारत ने भी शहीदों के प्रति संवेदना व्यक्त की, लेकिन यह भी कहा कि “पाकिस्तान को अब आतंकियों को पालना बंद करना होगा।”
🔻 क्या पाकिस्तान आतंक पर काबू पा पाएगा?
पाकिस्तान लंबे समय से आतंकियों को “अच्छे” और “बुरे” में बांटता रहा है। जब वही आतंकी अब सेना पर हमला कर रहे हैं, तो सरकार की रणनीति पर सवाल उठना लाज़मी है।
❗ विशेषज्ञों की राय:
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पाकिस्तान को दोहरी नीति छोड़नी होगी
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आतंकियों के खिलाफ एकजुट राष्ट्रीय नीति ज़रूरी
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क्षेत्रीय सहयोग के बिना नियंत्रण मुश्किल
🔻 भारत को क्या संदेश मिलता है?
भारत के लिए यह घटना एक चेतावनी है कि क्षेत्रीय अस्थिरता कभी भी उसके द्वार तक पहुंच सकती है। साथ ही यह भी कि पाकिस्तान की स्थिति से अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की कूटनीतिक स्थिति मज़बूत हो रही है।
🔻 निष्कर्ष
बलूचिस्तान में हुआ यह आतंकी हमला सिर्फ एक सुरक्षा विफलता नहीं, बल्कि एक गहरी राष्ट्रीय चुनौती है। जब तक पाकिस्तान अपने घर में पल रहे आतंक के बीजों को जड़ से नहीं उखाड़ता, तब तक न वहां अमन आएगा और न ही शांति।