प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति हमेशा से ही भारत की वैश्विक छवि को मजबूत बनाने और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के लिए केंद्रित रही है। 2025 में मोदी सरकार ने अपनी विदेश नीति में कई नए कदम उठाए हैं, जो न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे क्षेत्रीय और वैश्विक राजनीति के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं।
नरेंद्र मोदी की नई विदेश नीति रणनीति का मुख्य उद्देश्य भारत को एक “ग्लोबल हब” के रूप में स्थापित करना है। इसके तहत भारत ने कई देशों के साथ रणनीतिक साझेदारियों को और मजबूत किया है। खासतौर पर अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया जैसे क्वाड देशों के साथ सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। इसका मकसद है चीन के बढ़ते प्रभाव को टक्कर देना और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की उपस्थिति को और भी मजबूत करना।
इसके साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी ने अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे उभरते बाजारों पर भी ध्यान केंद्रित किया है। भारत इन क्षेत्रों में निवेश और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कई परियोजनाएं चला रहा है। मोदी सरकार का मानना है कि आर्थिक कूटनीति के माध्यम से भारत अपनी वैश्विक शक्ति को और बढ़ा सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी की नई विदेश नीति में भारत की ऊर्जा सुरक्षा को भी विशेष महत्व दिया गया है। रूस, मध्य पूर्व और अफ्रीका के देशों के साथ तेल और गैस की आपूर्ति को लेकर मजबूत रिश्ते बनाए गए हैं। इसके अलावा, भारत ने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भी वैश्विक मंचों पर सक्रिय भूमिका निभाई है, जिससे देश की “ग्रीन एनर्जी” इमेज को मजबूती मिली है।
एक और महत्वपूर्ण पहलू है भारत की रक्षा कूटनीति। मोदी सरकार ने रक्षा और सुरक्षा सहयोग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। कई देशों के साथ हथियार खरीद, सैन्य अभ्यास और आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने की नीतियां बनाई गई हैं। इससे भारत की सैन्य क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिली है।
हाल ही में, प्रधानमंत्री मोदी ने यूरोप के कई देशों का दौरा किया और वहां पर भारत-यूरोपियन यूनियन के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ाने पर चर्चा की। इस दौरे ने दोनों पक्षों के बीच नए अवसर खोले हैं और भारत को यूरोपीय बाजारों में और अधिक प्रवेश मिला है।
इसके अलावा, मोदी सरकार ने सीमा विवादों को लेकर शांतिपूर्ण और कूटनीतिक रास्ते अपनाने का संदेश दिया है। चीन और पाकिस्तान के साथ जारी तनाव के बीच यह रणनीति भारत के लिए संतुलन बनाकर रख रही है और वैश्विक समुदाय में भारत की सकारात्मक छवि को बढ़ावा दे रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई विदेश नीति रणनीति न केवल भारत के आर्थिक और सुरक्षा हितों को ध्यान में रखती है, बल्कि यह देश को एक मजबूत, आत्मनिर्भर और सम्मानित वैश्विक शक्ति बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके प्रभाव को आने वाले वर्षों में विश्व राजनीति में साफ तौर पर देखा जाएगा।